GRAP IV- दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति हुई और गंभीर
दिल्ली का AQI "गंभीर" श्रेणी में पहुँचने के बाद, राज्य सरकार ने 17 दिसंबर को शहर के स्कूलों में शारीरिक उपस्थिति को अस्थायी रूप से रोक दिया।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और हाल ही में राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “गंभीर” श्रेणी में पहुँच गया है। यह स्थिति स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए। बढ़ते प्रदूषण के कारण, दिल्ली सरकार और स्कूल प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- दिल्ली का AQI “गंभीर” श्रेणी में पहुँचने के बाद, राज्य सरकार ने 17 दिसंबर को शहर के स्कूलों में शारीरिक उपस्थिति को अस्थायी रूप से रोक दिया। इसके बजाय, स्कूलों ने हाइब्रिड मोड में शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब यह है कि छात्र अब ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेंगे, जबकि जो छात्र शारीरिक रूप से स्कूल आने में सक्षम हैं, वे सुरक्षा उपायों के तहत क्लासरूम में जा सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और उन्होंने कक्षा के भीतर वायु प्यूरीफायर का उपयोग सुनिश्चित किया है। साथ ही, बच्चों को मास्क पहनने और हेल्थ चेकअप करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इस समय में, छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावकों को भी सतर्क किया गया है और उन्हें घरों में रहने की सलाह दी गई है, ताकि प्रदूषण का प्रभाव कम से कम हो सके।
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण मुख्य रूप से किसानों द्वारा पराली जलाने, निर्माण कार्यों, वाहनों की अधिकता और औद्योगिक उत्सर्जन के कारण है। इसके अलावा, मौसम की स्थितियाँ जैसे कि ठंडी और धीमी हवाएँ भी प्रदूषण को कम करने में मदद नहीं कर रही हैं, जिससे वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है।
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है। दीर्घकालिक स्तर पर दिल्ली सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे, जैसे कि हरित क्षेत्र बढ़ाना, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाना और अधिक कारगर कचरा प्रबंधन प्रणाली को लागू करना।
इस बीच, दिल्ली के नागरिकों से भी अपील की जा रही है कि वे बाहर कम से कम समय बिताएँ और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ बरतें।